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भारत में 12 ज्योतिर्लिंग

 

भारत में 12 ज्योतिर्लिंग

आप पूछते हैं कि ज्योतिर्लिंग क्या है? शिव पुराण के अनुसार, शिव अपनी दिव्य उपस्थिति दिखाने के लिए प्रकाश के स्तंभ के रूप में प्रकट हुए थे, और समय के साथ, जहाँ यह दिव्य उपस्थिति हुई थी, वहाँ मंदिर बनाए गए। इसलिए, ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का एक चमकता हुआ प्रतीक है।

'ज्योतिर्लिंग' दो संस्कृत शब्दों से बना है: 'ज्योति', जिसका अर्थ है प्रकाश, और 'लिंग', जिसका अर्थ है भगवान शिव का प्रतीक। भारत में 12 ज्योतिर्लिंग हैं, जिनमें से प्रत्येक भगवान शिव के अनुयायियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। प्रत्येक ज्योतिर्लिंग की अपनी अनूठी कहानी, सुंदरता और महत्व है। ये पवित्र स्थल शिव की शक्ति और महानता को उजागर करते हैं। इस ब्लॉग में, हम उनकी कहानियों का पता लगाएंगे और समझेंगे कि वे इतने खास क्यों हैं।


अर्थ एवं महत्व

भारत में 12 ज्योतिर्लिंग भगवान शिव को समर्पित सबसे पवित्र मंदिरों में से कुछ हैं। ऐसा माना जाता है कि ये वे स्थान हैं जहाँ भगवान शिव अपनी दिव्य शक्ति दिखाने के लिए प्रकाश के स्तंभ के रूप में प्रकट हुए थे। कहा जाता है कि इन 12 पवित्र स्थलों पर जाने से भक्तों को उनके पापों से मुक्ति मिलती है और उन्हें मोक्ष या आध्यात्मिक मुक्ति प्राप्त करने में मदद मिलती है। इन ज्योतिर्लिंगों का उल्लेख शिव पुराण जैसे प्राचीन हिंदू ग्रंथों में किया गया है और भगवान शिव के अनुयायियों के लिए इनका गहरा धार्मिक महत्व है।

12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान की सूची

दुनिया भर से कई लोग भगवान शिव के करीब महसूस करने और शांति पाने के लिए भारत में स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने आते हैं।

नामशहरराज्यज्योतिर्लिंगों की दिशाएँखुलने का समयबंद करने का समय
सोमनाथप्रभास पाटनगुजरातपूर्वसुबह के 6 बजे9:00 अपराह्न
मल्लिकार्जुनश्रीशैलमआंध्र प्रदेशपूर्व4:30 प्रातःरात के 10 बजे
महाकालेश्वरउज्जैनमध्य प्रदेशदक्षिणमुखीसुबह चार बजेशाम के 11:00
ओंकारेश्वरमांधाता द्वीपमध्य प्रदेशपूर्वसुबह 5 बजे9:30 बजे रात्रि
केदारनाथकेदारनाथउत्तराखंडपश्चिम4:00 AM (मई-नवंबर)9:00 बजे (मई-नवंबर)
भीमाशंकरपुणे (खेड़)महाराष्ट्रपूर्वसुबह 5 बजे9:30 बजे रात्रि
काशी विश्वनाथवाराणसीउतार प्रदेश।पूर्वसुबह की तीन बजेशाम के 11:00
त्र्यंबकेश्वरत्रिम्बकमहाराष्ट्रपूर्व5:30 प्रातः9:00 अपराह्न
वैद्यनाथदेवघरझारखंडपूर्वसुबह चार बजे9:00 अपराह्न
नागेश्वरद्वारकागुजरातपश्चिमसुबह के 6 बजे9:00 अपराह्न
रामेश्वरमरामेश्वरमतमिलनाडुपूर्वसुबह 5 बजे9:00 अपराह्न
घृष्णेश्वर मन्दिरएलोरामहाराष्ट्रपूर्व5:30 प्रातः9:30 बजे रात्रि

गुजरात के गिर में सोमनाथ

गुजरात के गिर में स्थित सोमनाथ मंदिर का भ्रमण करें, जो भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

#1 - सोमनाथ ज्योतिर्लिंग - गिर, गुजरात

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भारत के 12 महत्वपूर्ण ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह गुजरात के वेरावल के पास प्रभास क्षेत्र में हिंदुओं के लिए एक पवित्र स्थान है। भारत के सबसे पुराने मंदिरों में से एक , जिसका 16 बार पुनर्निर्माण किया गया था। यह मंदिर अपनी सुंदर बनावट और समृद्ध इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। शिवपुराण के अनुसार, चंद्र देव चंद्र (सोमनाथ) ने एक बार भगवान शिव से अपने ससुर दक्ष द्वारा दिए गए श्राप को दूर करने के लिए प्रार्थना की थी। भगवान शिव चंद्र की प्रार्थना से खुश हुए और उन्हें श्राप से मुक्त करने के लिए ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए। गिर सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करते समय, प्रतिदिन शाम 8:00 बजे से 9:00 बजे तक होने वाले साउंड शो को अवश्य देखना चाहिए।

स्थान: प्रभास क्षेत्र, वेरावल, गुजरात के पास
समय: सुबह 6:00 बजे से रात 9:00 बजे तक
मुख्य आकर्षण: सोमनाथ लाइट एंड साउंड शो प्रतिदिन शाम 8:00 बजे से रात 9:00 बजे तक होता है। वयस्कों के लिए टिकट की कीमत ₹30 और 10 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए ₹10 है।
कैसे पहुँचें

सड़क द्वाराजूनागढ़ से 82 किमी और अहमदाबाद से 400 किमी
ट्रेन सेसोमनाथ (स्टेशन कोड – SMNH), जो 2.5 किमी दूर है
हवाईजहाज सेपोरबंदर हवाई अड्डा (पीबीडी) 120 किमी और राजकोट हवाई अड्डा (आरएजे) 200 किमी दूर है

यात्रा का सर्वोत्तम समय: अक्टूबर से फरवरी या शिवरात्रि (फरवरी या मार्च) के दौरान
आसपास के आकर्षण: भालका तीर्थ, देहोत्सर्ग तीर्थ, गीता मंदिर , त्रिवेणी संगम, गिर राष्ट्रीय उद्यान और दीव द्वीप

श्रीशैलम, आंध्र प्रदेश में मल्लिकार्जुन

श्रीशैलम मल्लिकार्जुन भारत के लोकप्रिय 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

#2 - मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग - श्रीशैलम, आंध्र प्रदेश

श्रीशैलम मल्लिकार्जुन सुंदर नल्लामाला पहाड़ियों में स्थित है। यह भगवान शिव और देवी पार्वती के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान है। यह मंदिर 18 महा शक्ति पीठों में से एक माना जाता है, जो शक्ति (देवी) की पूजा के लिए विशेष मंदिर हैं। किंवदंतियों के अनुसार, भगवान शिव और देवी पार्वती अपने पुत्र कार्तिकेय के करीब रहने के लिए मल्लिकार्जुन (शिव) और भ्रमरम्बा (पार्वती) के रूप में यहाँ आए थे। यह भारत का एकमात्र मंदिर परिसर है जिसमें एक ज्योतिर्लिंग और एक शक्ति पीठ है।

स्थान: श्रीशैलम, आंध्र प्रदेश समय: सुबह 4:30 बजे से रात 10:00 बजे तक मुख्य आकर्षण: सोने से मढ़ा हुआ टॉवर (विमान) और 1000 छोटे लिंगों की नक्काशी वाला सहस्र लिंग। कैसे पहुँचें:


सड़क द्वाराहैदराबाद से 212 किमी
ट्रेन सेनिकटतम स्टेशन मरकापुर रोड (स्टेशन कोड -MRK) है, जो 85 किमी दूर है
हवाईजहाज सेराजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, हैदराबाद (आरजीआईए) 220 किमी दूर है

यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से फरवरी आसपास के आकर्षण: भ्रामराम्बा देवी मंदिर, श्रीशैलम बांध, साक्षी गणपति मंदिर, अक्कमहादेवी गुफाएं

मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर

मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। उज्जैन के प्राचीन हृदय में स्थित, महाकालेश्वर मंदिर भारत के सबसे शक्तिशाली ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर को जो चीज़ अलग बनाती है, वह है इसका दक्षिणमुखी लिंग, जिसके बारे में माना जाता है कि वह अपार शक्ति का संचार करता है और हिंदू धर्म में मृत्यु का प्रतीक है। महाकालेश्वर, "मृत्यु के स्वामी" नश्वरता पर नियंत्रण का प्रतीक हैं।

#3-महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग-उज्जैन, मध्य प्रदेश

प्राचीन शहर उज्जैन के हृदय में महाकालेश्वर मंदिर है - जो 12 ज्योतिर्लिंगों में से सबसे शक्तिशाली है। यह मंदिर इसलिए खास है क्योंकि इसका मुख दक्षिण दिशा में है, जिसके बारे में माना जाता है कि यह बहुत अधिक शक्ति प्रदान करता है और हिंदू धर्म में मृत्यु का प्रतीक है। मंदिर का नाम 'महाकाल' है, जिसका अर्थ है "समय का देवता", और लोगों का मानना ​​है कि वह शहर को बुराई से बचाता है। यहाँ का एक मुख्य आकर्षण भस्म आरती है, जो सुबह-सुबह आयोजित होने वाला एक विशेष अनुष्ठान है।

स्थान: उज्जैन, मध्य प्रदेश समय: सुबह 4:00 बजे से रात 11:00 बजे तक मुख्य आकर्षण: पवित्र भस्म का उपयोग करके भोर में की जाने वाली प्रतिष्ठित भस्म आरती सुबह 4:00 बजे शुरू होती है। कैसे पहुँचें:


सड़क द्वाराइंदौर से 55 किमी
ट्रेन सेउज्जैन जंक्शन (1.5 किमी), (स्टेशन कोड -UJN), जो 85 किमी दूर है
हवाईजहाज सेदेवी अहिल्याबाई होल्कर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, इंदौर (आईडीआर) 60 किमी दूर है

घूमने का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मार्च आसपास के आकर्षण: काल भैरव मंदिर, राम घाट, संदीपनी आश्रम

मध्य प्रदेश के खंडवा में ओंकारेश्वर

मध्य प्रदेश के खंडवा में स्थित ओंकारेश्वर मंदिर, शांत मंधाता द्वीप पर स्थित है, जिसका आकार पवित्र प्रतीक 'ओम' (ॐ) जैसा है। यह मंदिर एक गहन आध्यात्मिक स्थल है। यह भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से सबसे सुंदर ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

#4 - ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग - खंडवा, मध्य प्रदेश

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का नाम नर्मदा नदी में द्वीप के आकार से लिया गया है, जो हिंदी प्रतीक 'ओम' (ॐ) जैसा दिखता है । यह भारत के सबसे खूबसूरत ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है। किंवदंती के अनुसार, राजा मांधाता ने यहां लंबे समय तक प्रार्थना की थी, और भगवान शिव उन्हें आशीर्वाद देने के लिए प्रकट हुए थे। इस तरह यह ज्योतिर्लिंग अस्तित्व में आया। कई भक्तों का मानना ​​है कि ओंकारेश्वर शिव मंदिर में दर्शन करने से पंच केदार (पांच केदारनाथ मंदिर) की पूजा करने के समान आध्यात्मिक लाभ मिलता है। 

स्थान: मांधाता द्वीप, खंडवा जिला, मध्य प्रदेश समय: सुबह 5:00 बजे से रात 9:30 बजे तक मुख्य आकर्षण: 'ओम' के प्रतीक के आकार का द्वीप और शांत नाव की सवारी। कैसे पहुँचें:


सड़क द्वाराइंदौर से 77 किमी
ट्रेन सेओंकारेश्वर रोड स्टेशन (स्टेशन कोड – OM), जो 12 किमी दूर है
हवाईजहाज सेदेवी अहिल्याबाई होल्कर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, इंदौर (आईडीआर) 80 किमी दूर है

यात्रा का सर्वोत्तम समय: अक्टूबर से मार्च आसपास के आकर्षण: ममलेश्वर मंदिर, सिद्धनाथ मंदिर, गौरी सोमनाथ मंदिर

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में केदारनाथ

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में स्थित केदारनाथ भगवान शिव को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है और इसे चार धाम तीर्थयात्रा का हिस्सा भी माना जाता है।

#5 - केदारनाथ ज्योतिर्लिंग - रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग भारत के 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों और चार धामों में से एक है। यह हिमालय में 3,583 मीटर की ऊंचाई पर, मंदाकिनी नदी के पास और बर्फ से ढकी चोटियों से घिरा हुआ है। किंवदंती के अनुसार, पांडव कुरुक्षेत्र युद्ध के बाद भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के लिए इस पवित्र स्थल पर आए थे। सर्दियों में अत्यधिक मौसम के कारण, मंदिर केवल गर्मियों (मई से अक्टूबर या नवंबर) के दौरान ही खुला रहता है।

नोट: सभी आगंतुकों को उत्तराखंड पर्यटन वेबसाइट पर पहले से ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा। बुकिंग करना परेशानी भरा हो सकता है। बुकिंग में मदद के लिए हमें 1800-123-5555 पर कॉल करें।

स्थान: केदारनाथ, रुद्रप्रयाग जिला, उत्तराखंड समय: सुबह 4:00 बजे से रात 9:00 बजे तक (मई से नवंबर तक खुला रहता है) मुख्य आकर्षण: भीम शिला, एक विशाल चट्टान जिसके बारे में माना जाता है कि उसने 2013 की बाढ़ के दौरान केदारनाथ मंदिर को बचाया था। कैसे पहुँचें:


सड़क द्वारागौरीकुंड से 18 किमी का ट्रेक
ट्रेन सेऋषिकेश रेलवे स्टेशन (स्टेशन कोड – RKSH), जो 215 किमी दूर है
हवाईजहाज सेजॉली ग्रांट हवाई अड्डा, देहरादून (DED) 250 किमी दूर है
हेलीकॉप्टर द्वारागुप्तकाशी हेलीपैड 46 किमी दूर है और उड़ान का समय 15 मिनट है। टिकट IRCTC की वेबसाइट पर बुक किए जा सकते हैं और प्रति व्यक्ति (राउंड ट्रिप) ₹7,740 का खर्च आएगा।

यात्रा का सर्वोत्तम समय: मई से जून और सितंबर से अक्टूबर आसपास के आकर्षण: भैरवनाथ मंदिर, चोराबारी ताल, वासुकी ताल


भीमाशंकर, पुणे, महाराष्ट्र

सह्याद्रि पर्वतमाला में बसा भीमाशंकर प्रकृति प्रेमियों और आध्यात्मिक साधकों दोनों के लिए स्वर्ग है। यह भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

#6 - भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग - पुणे, महाराष्ट्र

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में पुणे के पास सह्याद्री पहाड़ियों में स्थित है। यह घने जंगलों से घिरा हुआ है और भीमाशंकर वन्यजीव अभयारण्य के भीतर स्थित है। कथा के अनुसार, त्रिपुरासुर नामक एक राक्षस पृथ्वी पर उत्पात मचा रहा था। भगवान शिव ने अपने भक्तों की रक्षा के लिए भीमाशंकर का रूप धारण किया और राक्षस को हराया। इसीलिए यह स्थान बहुत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है।

स्थान: भीमाशंकर, पुणे जिला, महाराष्ट्र समय: सुबह 4:30 बजे से रात 9:30 बजे तक मुख्य आकर्षण: यहाँ स्वयंभू ज्योतिर्लिंग, स्वयंभू भगवान शिव का निवास है और पास में ही भीमाशंकर वन्यजीव अभयारण्य भी है। कैसे पहुँचें:



सड़क द्वारापुणे से 110 किमी.
ट्रेन सेपुणे स्टेशन (स्टेशन कोड – PUNE), जो 123 किमी दूर है
हवाईजहाज सेपुणे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (PNQ) 118 किमी दूर है

यात्रा का सर्वोत्तम समय: अक्टूबर से मार्च आसपास के आकर्षण: हनुमान झील, नागफनी प्वाइंट, साक्षी गणपति मंदिर

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ

वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर भारत के सबसे आध्यात्मिक रूप से शक्तिशाली ज्योतिर्लिंगों में से एक है। वाराणसी या बनारस दुनिया के सबसे पुराने जीवित शहरों में से एक है और इसे भगवान शिव का पसंदीदा शहर माना जाता है।

#7 - काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग - वाराणसी, उत्तर प्रदेश

काशी विश्वनाथ भारत के सबसे प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह गंगा नदी के पश्चिमी तट पर पवित्र शहर वाराणसी में स्थित है। मंदिर के नाम का अर्थ है 'प्रकाश का भगवान'। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव ने देवी पार्वती को काशी शहर उपहार के रूप में दिया था और हमेशा वहाँ रहने का वादा किया था। काशी विश्वनाथ मंदिर ने कई संतों और आध्यात्मिक साधकों को प्रेरित किया है। लाखों भक्तों का मानना ​​है कि काशी में मरने से पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति मिलती है। 

स्थान: वाराणसी, उत्तर प्रदेश समय: 2:30 बजे से 11:00 बजे तक मुख्य आकर्षण: दशाश्वमेध घाट पर शाम की गंगा आरती कैसे पहुँचें:


सड़क द्वाराउत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ
ट्रेन सेवाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन (स्टेशन कोड - BSB), जो 5.7 किमी दूर है
हवाईजहाज सेलाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डा (वीएनएस) 26 किमी दूर है

यात्रा का सर्वोत्तम समय: नवंबर से फरवरी आसपास के आकर्षण: सारनाथ, अस्सी घाट, मणिकर्णिका घाट

महाराष्ट्र के नासिक में त्र्यंबकेश्वर

महाराष्ट्र के नासिक में स्थित त्र्यंबकेश्वर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह अनोखा है क्योंकि इसमें ब्रह्मा, विष्णु और शिव का प्रतिनिधित्व करने वाले तीन मुखों वाला लिंगम है।

#8 - त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग - नासिक, महाराष्ट्र

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में नासिक के पास स्थित है। यह इसलिए खास है क्योंकि लिंगम ब्रह्मा, विष्णु और शिव की त्रिमूर्ति का प्रतिनिधित्व करता है। यह मंदिर गोदावरी नदी के स्रोत के पास भी है, जो इसे हिंदू अनुष्ठानों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बनाता है। त्र्यंबकेश्वर मंदिर अपने काले पत्थर के अग्रभाग और अलंकृत गुंबदों के साथ वास्तुकला की दृष्टि से विशिष्ट है, जिसे 18वीं शताब्दी की हेमदपंथी शैली में बनाया गया है।  किंवदंती के अनुसार, भगवान शिव ने इस स्थान पर ऋषि गौतम और उनकी पत्नी अहिल्या को अमरता का आशीर्वाद दिया था।

स्थान: त्रिंबक, नासिक जिला, महाराष्ट्र समय: सुबह 5:30 से रात 9:00 बजे तक मुख्य आकर्षण: कुशावर्त कुंड, पवित्र स्नान कुंड, नदी का स्रोत माना जाता है। कैसे पहुँचें:


सड़क द्वारानासिक से 30 किमी
ट्रेन सेनासिक रोड स्टेशन (स्टेशन कोड – NK), जो 39 किमी दूर है
हवाईजहाज सेनासिक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (आईएसके) 55 किमी दूर है

यात्रा का सर्वोत्तम समय: नवंबर से फरवरी आसपास के आकर्षण: अंजनेरी किला, ब्रह्मगिरी पहाड़ी, नील पर्वत

झारखंड के देवघर में वैद्यनाथ

देवघर, झारखंड में वैद्यनाथ भारत में सबसे अधिक देखे जाने वाले 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। वैद्यनाथ मंदिर का संबंध रावण से है।

#9 – वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग – देवघर, झारखण्ड

वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, जिसे बैद्यनाथ धाम के नाम से भी जाना जाता है , झारखंड के देवघर में स्थित है। यह भारत में सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर राक्षस राजा रावण से जुड़ा हुआ है, जिसने अजेयता प्राप्त करने के लिए भगवान शिव की पूजा की थी। रावण ने एक के बाद एक अपने दस सिर शिव को अर्पित किए। उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर शिव प्रकट हुए और उसे ठीक किया। मंदिर को वैद्यनाथ कहा जाता है, जिसका अर्थ है “चिकित्सकों का भगवान।” मंदिर परिसर में एक सरल लेकिन मजबूत आध्यात्मिक अनुभव है, जिसमें एक ऊंचा शिखर (मंदिर टॉवर) और मुख्य मंदिर के चारों ओर कई छोटे मंदिर हैं।

स्थान: देवघर, झारखंड समय: सुबह 4:00 बजे से रात 9:00 बजे तक मुख्य आकर्षण: महीने भर चलने वाला श्रावणी मेला, जिसमें लाखों कांवड़िये आते हैं कैसे पहुंचें:


सड़क द्वारारांची और पटना से आसानी से पहुंचा जा सकता है
ट्रेन सेजसीडीह जंक्शन (JSME), जो 7 किमी दूर है
हवाईजहाज सेदेवघर हवाई अड्डा (डीजीएच) 9.2 किमी दूर है

यात्रा का सर्वोत्तम समय: जुलाई से अगस्त या अक्टूबर से मार्च आसपास के आकर्षण: नौलखा मंदिर, तपोवन गुफाएं, बासुकीनाथ मंदिर

गुजरात के द्वारका में नागेश्वर

द्वारका में नागेश्वर भारत में शिव को समर्पित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह अपनी विशाल 25 मीटर ऊंची शिव प्रतिमा के लिए जाना जाता है।

#10 - नागेश्वर ज्योतिर्लिंग - द्वारका, गुजरात

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात में द्वारका के पास स्थित है। यह मंदिर अपनी विशाल 25 मीटर ऊंची शिव प्रतिमा के लिए जाना जाता है, और यह मंदिर अपने आप में सरल लेकिन गहन आध्यात्मिक है। शिव पुराण में बताया गया है कि कैसे भगवान शिव ने इसी स्थान पर सुप्रिया नामक एक भक्त की दारुका नामक राक्षस से रक्षा की थी। तब से, शिव यहाँ नागेश्वर के रूप में निवास करते हैं - नागों के स्वामी।

स्थान: द्वारका और बेट द्वारका, गुजरात के बीच समय: सुबह 6:00 बजे से रात 9:00 बजे तक मुख्य आकर्षण: विशाल शिव प्रतिमा और शांत तटीय परिवेश। कैसे पहुँचें:


सड़क द्वाराद्वारका से 17 किमी.
ट्रेन सेद्वारका रेलवे स्टेशन (स्टेशन कोड – DWK), जो 15.5 किमी दूर है
हवाईजहाज सेजामनगर हवाई अड्डा (JGA) 137 किमी दूर है

यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मार्च आसपास के आकर्षण: द्वारकाधीश मंदिर, रुक्मिणी मंदिर, गोमती घाट

रामनाथस्वामी, तमिलनाडु के रामेश्वरम में

तमिलनाडु के रामेश्वरम में स्थित रामनाथस्वामी मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और चार धाम तीर्थयात्रा का हिस्सा है

#11- रामनाथस्वामी ज्योतिर्लिंग-रामेश्वरम, तमिलनाडु

रामेश्वरम तमिलनाडु का एक पवित्र शहर है। यह प्रसिद्ध रामनाथस्वामी मंदिर का घर है , जो भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और चार धाम तीर्थयात्रा का हिस्सा है। किंवदंती के अनुसार, भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता को बचाने के लिए लंका जाने से पहले भगवान शिव की पूजा करने के लिए यहाँ एक शिव लिंग का निर्माण किया था। मंदिर अपनी भव्य संरचना के लिए भी जाना जाता है और भारत के सभी हिंदू मंदिरों में इसका गलियारा सबसे लंबा है।

स्थान: रामेश्वरम, तमिलनाडु समय: सुबह 5:00 बजे से रात 9:00 बजे तक मुख्य आकर्षण: अग्नि तीर्थम और मंदिर का पौराणिक गलियारा। कैसे पहुँचें:


सड़क द्वारामदुरै और चेन्नई से जुड़ा हुआ
ट्रेन सेरामेश्वरम रेलवे स्टेशन (स्टेशन कोड – RMM), जो 1.8 किमी दूर है
हवाईजहाज सेमदुरै हवाई अड्डा (IXM) 170 किमी दूर है

यात्रा का सर्वोत्तम समय: अक्टूबर से अप्रैल आसपास के आकर्षण: धनुषकोडी, अग्नि तीर्थम, एडम्स ब्रिज

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ग्रिशनेश्वर

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित घृष्णेश्वर, भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से अंतिम है।

#12 - घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग - औरंगाबाद, महाराष्ट्र

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के औरंगाबाद के पास स्थित है, जो यूनेस्को द्वारा सूचीबद्ध एलोरा गुफाओं से कुछ ही दूरी पर है । मंदिर लाल पत्थर से बना है और इसकी वास्तुकला की एक अनूठी और सुंदर शैली है। किंवदंती के अनुसार, कुसुमा नाम की एक भक्त ने बड़ी आस्था के साथ भगवान शिव की पूजा की। उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर, शिव एक ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए और उसे दिव्य दर्शन दिए।

स्थान: एलोरा, औरंगाबाद जिला, महाराष्ट्र समय: सुबह 5:30 बजे से रात 9:30 बजे तक मुख्य आकर्षण: एलोरा की गुफाओं और सुंदर नक्काशीदार वास्तुकला से निकटता। कैसे पहुँचें:


सड़क द्वाराऔरंगाबाद से 30 किमी.
ट्रेन सेऔरंगाबाद रेलवे स्टेशन (AWB), जो 38.9 किमी दूर है
हवाईजहाज सेऔरंगाबाद हवाई अड्डा (IXU) 41 किमी दूर है

यात्रा का सर्वोत्तम समय: नवंबर से फरवरी आसपास के आकर्षण: एलोरा गुफाएं, दौलताबाद किला, बीबी का मकबरा



पूछे जाने वाले प्रश्न

12 ज्योतिर्लिंग क्रम से कौन से हैं?

12 ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के पवित्र मंदिर हैं। वे हैं:

  • सोमनाथ – गुजरात
  • मल्लिकार्जुन - आंध्र प्रदेश
  • महाकालेश्वर - मध्य प्रदेश
  • ओंकारेश्वर - मध्य प्रदेश
  • केदारनाथ – उत्तराखंड
  • भीमाशंकर – महाराष्ट्र
  • काशी विश्वनाथ - उत्तर प्रदेश
  • त्र्यंबकेश्वर – महाराष्ट्र
  • वैद्यनाथ – झारखंड
  • नागेश्वर – गुजरात
  • रामेश्वरम – तमिलनाडु
  • ग्रिशनेश्वर – महाराष्ट्र

हालाँकि, इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने का कोई निश्चित क्रम नहीं है।

भारत में 5 प्रमुख ज्योतिर्लिंग कौन से हैं?

पांच ज्योतिर्लिंग जो अपने आध्यात्मिक इतिहास, दिव्य महत्व और भक्तों की उच्च संख्या के कारण सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं:

  • सोमनाथ (गुजरात): प्रथम ज्योतिर्लिंग के रूप में जाना जाने वाला यह मंदिर भगवान शिव की शाश्वत उपस्थिति का प्रतीक है। इसे कई बार नष्ट किया गया और फिर से बनाया गया, जो अटूट आस्था को दर्शाता है
  • मल्लिकार्जुन (आंध्र प्रदेश): यह मंदिर पवित्र श्री शैल पर्वत पर स्थित है। यह शिव और पार्वती को एक साथ दर्शाता है, जो दिव्य एकता का प्रतीक है
  • महाकालेश्वर (मध्य प्रदेश): यह एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है, और ऐसा माना जाता है कि यह भक्तों को अकाल मृत्यु से बचाता है।
  • केदारनाथ (उत्तराखंड): हिमालय की ऊंचाइयों पर स्थित यह छोटा चार धामों में से एक है और माना जाता है कि इसे सीधे पांडवों द्वारा स्थापित किया गया था।
  • काशी विश्वनाथ (उत्तर प्रदेश) - पवित्र शहर वाराणसी में स्थित, ऐसा माना जाता है कि यहां मरने से मोक्ष (पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति) मिलती है।

कौन सा ज्योतिर्लिंग सबसे शक्तिशाली है?

सभी ज्योतिर्लिंग समान रूप से दिव्य हैं, लेकिन काशी विश्वनाथ और सोमनाथ को विशेष रूप से शक्तिशाली माना जाता है।

  • काशी वह स्थान है जहां मोक्ष प्राप्ति सबसे आसान मानी जाती है
  • सोमनाथ प्रथम ज्योतिर्लिंग है और शाश्वत शक्ति का प्रतीक है

12 ज्योतिर्लिंग किस दिशा में स्थित हैं?

12 ज्योतिर्लिंगों में से ज़्यादातर पूर्व की ओर मुख किए हुए हैं, जिसे शुभ माना जाता है क्योंकि यह उगते सूरज के साथ संरेखित होता है, जो आशा, पवित्रता और ज्ञान का प्रतीक है। हालाँकि, महाकालेश्वर एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है, जिसके बारे में माना जाता है कि यह भक्तों को असामयिक मृत्यु और नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाता है। इसके अतिरिक्त, केदारनाथ और नागेश्वर पश्चिम की ओर मुख किए हुए हैं, जो शिव को अंधकार के नाश करने वाले के रूप में दर्शाते हैं।

13वें ज्योतिर्लिंग का नाम क्या है?

कोई आधिकारिक 13वाँ ज्योतिर्लिंग नहीं है। हालाँकि, मुक्ति-गुप्तेश्वर को आम तौर पर उनमें से एक माना जाता है। यह मॉरीशस में स्थित है और कभी-कभी इसे भारत के बाहर एकमात्र ज्योतिर्लिंग माना जाता है।

2025 में कश्मीर की इन 15 नई जगहों को ज़रूर घूमें – ट्रैवलर्स के लिए Complete गाइड

कश्मीर 2025 यात्रा

अगर आप 2025 में कश्मीर की यात्रा की सोच रहे हैं, तो अब समय है उन जगहों को खोजने का जो अब तक भीड़ से दूर रही हैं। इस पोस्ट में हम उन 15 शानदार लेकिन कम-ज्ञात जगहों के बारे में बात करेंगे जिन्हें ट्रैवल लवर्स को ज़रूर एक्सप्लोर करना चाहिए।

📋 इस पोस्ट में क्या मिलेगा:

  • ⛰️ कम-ज्ञात लेकिन खूबसूरत जगहों की लिस्ट
  • 📅 जाने का सही समय
  • 🚗 कैसे पहुँचे
  • 📍 आसपास क्या घूम सकते हैं

1. डूडपट्री (Doodhpathri)

Doodhpathri

यह श्रीनगर से लगभग 42 किलोमीटर दूर स्थित एक घास का मैदान है, जिसे कश्मीर का छिपा हुआ स्वर्ग भी कहा जाता है। गर्मियों में यह जगह बिल्कुल यूरोप की तरह लगती है।

  • जाने का समय: अप्रैल से सितंबर
  • कैसे पहुँचे: श्रीनगर से टैक्सी या बाइक द्वारा
  • क्या करें: पिकनिक, ट्रेकिंग, लोकल फूड का स्वाद

2. यूसमर्ग (Yusmarg)

Yusmarg Valley

यह शांत घाटी बडगाम जिले में है और घुड़सवारी और शांतिपूर्ण ट्रेक के लिए जानी जाती है।


✈️ यात्रा सुझाव:

  • Local गाइड लें ताकि आप offbeat जगहों तक सुरक्षित पहुँच सकें
  • सर्दियों में जाने से पहले मौसम की जानकारी ज़रूर लें
  • स्थानीय व्यंजन जैसे कि रोगनजोश, कहवा ज़रूर ट्राय करें

👉 अगर आपने हमारा पिछला ब्लॉग नहीं पढ़ा है, तो ज़रूर देखें: 2025 में कश्मीर की 42 सबसे खूबसूरत जगहें

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